बचपन

बचपन की याद आती है पापा, जब आप मुझे गोद में उठाते थे, प्यार से पुचकार कर अपनी 'बिटिया रानी' बुलाते थे, जाने कहाँ चला गया वह लाड़ प्यार पापा? बहुत याद आती है उन दिनों की पापा।
बचपन की याद आती है पापा, जब डर से मैं अनजान थी, आपके साये में स्वयं को महफूज़ समझती थी, जाने कहाँ वह विश्वास चला गया पापा? बहुत याद आती है उन दिनों की पापा।
बचपन की याद आती है पापा, जब आप अपनी पीठ पर बिठा कर सारा जहाँ घुमात थेे, अब अपने पाँव पर भी खड़े होने से डर लगता है, जाने कहाँ वह भोलापन चला गया पापा? बहुत याद आती है उन दिनों की पापा।
बचपन की याद आती है पापा, एक छींक से घबरा जाते थे सब, अब तो बीमारी में भी कोई नहीं पूछता पापा, जाने कहाँ वह प्यार चला गया पापा? बहुत याद आती है उन दिनों की पापा।
बचपन की याद आती है पापा, सब 'गुड़िया' कह कर बुलाते थे, अब तो सुनसान सड़क पर चलते हुए जी घबराता है, जाने कहाँ वह मासूमियत चली गई पापा? बहुत याद आती है उन दिनों की पापा।
बचपन की याद आती है पापा, जब कहानी सुनाकर आप मुझे अपनी गोद में सुलाते थे, आज ना ही वह कहानियाँ है, ना ही आप है़। कहाँ चले गए आप पापा? आपकी बहुत याद आती है पापा।

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